Germany train strike: जर्मनी में अचानक हुई ट्रेन हड़ताल से लाखों यात्री परेशान हो गए हैं। काम के घंटों और वेतन को लेकर मुख्य सरकारी स्वामित्व वाले रेलवे ऑपरेटर के साथ विवाद के बाद जर्मन ट्रेन ड्राइवरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संघ ने बुधवार सुबह लगभग तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी। यानी तीन दिन तक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
ट्रेन हड़ताल के बाद रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। जर्मनी के कई शहरों में ट्रेनों का जाम लग गया है। यात्री बस या कार से यात्रा कर रहे हैं और लंबी दूरी की यात्रा के लिए फ्लाइट का सहारा लिया जा रहा है। राज्य के स्वामित्व वाली डॉयचे बान का कहना है कि लंबी दूरी की केवल 20 प्रतिशत ट्रेनें चल रही हैं, और बर्लिन जैसे शहर कम्प्यूटरीकृत ट्रेनें भी नहीं चला रहे हैं।
If the many won’t cooperate the few can’t control and it was always so. Germans are waking up to that blatant and simple mathematical fact that has stared humanity in the face throughout history: ‘Germany brought to its knees by train strikes and farmers’ roadblocks.’… pic.twitter.com/8qN5zp8og9
— David Icke (@davidicke) January 10, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मालवाहक वाहनों को लेकर जीडीएल यूनियन की हड़ताल मंगलवार शाम से शुरू हो गई थी। जीडीएल यूनियन ने पिछले साल वेतन विवाद में पहले ही दो चेतावनी हड़तालें की थीं, जो यात्री परिवहन के लिए 24 घंटे तक चली थीं। बताया जा रहा है कि मौजूदा हड़ताल शुक्रवार शाम 6 बजे तक चलेगी।
कहा जाता है कि डाइचे बान ने हड़ताल को कानूनी रूप से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन मंगलवार रात एक अदालत ने फैसला सुनाया कि हड़ताल (Train Strike) आगे बढ़ सकती है। पिछले महीने के अंत में जीडीएल सदस्यों ने विवाद के बाद हड़ताल करने के लिए सामूहिक रूप से मतदान किया। यह हड़ताल कुछ अहम मांगों को लेकर की जा रही है. इनमें वेतन वृद्धि के अलावा मुख्य मांग बिना वेतन कटौती के शिफ्ट कर्मियों के घंटे प्रति सप्ताह 38 से घटाकर 35 घंटे करने की है। जीडीएल का तर्क है कि इससे रेलवे के लिए काम अधिक आकर्षक हो जाएगा और नई भर्तियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जबकि डाइचेबन का कहना है कि मांग को व्यवहार में पूरा नहीं किया जा सकता है।
जर्मन परिवहन मंत्री वोल्कर वेसिंग ने दोनों पक्षों से बातचीत की अपील की है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए जिससे दोनों पार्टियां एक साथ आ सकें. माननीय मंत्री ने कहा, “इसका मतलब है एक-दूसरे से बात करना।” मैं दोनों पक्षों से बातचीत पर लौटने का आग्रह करता हूं।” हालांकि यूनियन प्रमुख क्लास वासिल्स्की ने कहा कि अब यह डॉयचे बान पर निर्भर है कि वह एक बेहतर प्रस्ताव लेकर आएं। अगर शुक्रवार तक कोई नया प्रस्ताव नहीं आया तो हम ब्रेक लेंगे और अगली हड़ताल (Train Strike) पर जाएंगे।’